India's Ancient Past (भारत का प्राचीन इतिहास)

Price: 425.00 INR

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ISBN:

9780199489305

Publication date:

26/03/2018

Paperback

406 pages

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9780199489305

Publication date:

26/03/2018

Paperback

406 pages

Ram Sharan Sharma (राम शरण शर्मा)

Rights:  World Rights

Ram Sharan Sharma (राम शरण शर्मा)

Description

यह पुस्तक भारत के प्राचीन इतिहास का एक विस्तृत और सिलेसिलेवार ब्यौरा प्रस्तुत करती है। पुस्तक में इतिहास लेखन के स्वरूप, महत्त्व, स्रोतों पर भी चर्चा की गई है। यह अपने समय काल में सभ्यताओं के उदय और उनकी स्थितियों का विश्लेषण करती है। यह धर्म और संप्रदायों की निर्मिति, साम्राज्यों के उत्थान और पतन को रेखांकित करती है। पुस्तक, आर्य संस्कृति और उसकी विशेषताओं पर भी चर्चा करती है। सभ्यताओं के उदय की भौगोलिक परिस्थितियां और समुदायों के भाषाई स्वरूप के इतिहास का वर्णन करती है। ऐतिहासिक तौर पर यह नवपाषाण युग, ताम्रयुग और वैदिक काल के साथ-साथ हड़प्पा सभ्यता की विशेषताओं को साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत करती है। लेखक ने जैन और बौद्ध धर्म के उद्भव और प्रसार के बारे में भी विस्तार से चर्चा की है। राज्यों के बनने की प्रक्रिया और राज्यों के विस्तार को भी पुस्तक अपने भीतर समेटती है। पुस्तक में मगध और क्षेत्रीय शासकों के उदय से लेकर मौर्य साम्राज्य, सतवाहन, गुप्ता और हर्षवर्धन के शासन काल के विविध आयामों की चर्चा भी की गई है। यह मध्य-एशियाई क्षेत्रों में शासकों के विस्तार और बाहरी संपर्कों के प्रभाव को भी दर्शाती है। लेखक ने ऐतिहासिक स्थितियों में वर्ण-व्यवस्था, नगरीकरण, वाणिज्य और व्यापार के साथ विज्ञान, दर्शन और सांस्कृतिक स्थितियों जैसे महत्वपूर्ण आयामों की चर्चा इस पुस्तक में की है। यह पुस्तक प्राचीन भारत से मध्ययुगीन भारत तक की पूरी प्रक्रिया और कालक्रम को प्रस्तुत करती है।
इस लिहाज से यह प्राचीन भारत की एक समग्र रूपरेखा प्रस्तुत करती है। जिसके जरिए हम भारतीय समाज के निर्माण की प्रक्रिया को समझ सकते हैं। यह इतिहास में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण और एक अनिवार्य पुस्तक है।

About the Author
राम शरण शर्मा
एक ख्याति प्राप्त इतिहासकार रहे। वे पटना विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्रोफेसर थे। वे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे।

Ram Sharan Sharma (राम शरण शर्मा)

Ram Sharan Sharma (राम शरण शर्मा)

Ram Sharan Sharma (राम शरण शर्मा)

Ram Sharan Sharma (राम शरण शर्मा)

Description

यह पुस्तक भारत के प्राचीन इतिहास का एक विस्तृत और सिलेसिलेवार ब्यौरा प्रस्तुत करती है। पुस्तक में इतिहास लेखन के स्वरूप, महत्त्व, स्रोतों पर भी चर्चा की गई है। यह अपने समय काल में सभ्यताओं के उदय और उनकी स्थितियों का विश्लेषण करती है। यह धर्म और संप्रदायों की निर्मिति, साम्राज्यों के उत्थान और पतन को रेखांकित करती है। पुस्तक, आर्य संस्कृति और उसकी विशेषताओं पर भी चर्चा करती है। सभ्यताओं के उदय की भौगोलिक परिस्थितियां और समुदायों के भाषाई स्वरूप के इतिहास का वर्णन करती है। ऐतिहासिक तौर पर यह नवपाषाण युग, ताम्रयुग और वैदिक काल के साथ-साथ हड़प्पा सभ्यता की विशेषताओं को साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत करती है। लेखक ने जैन और बौद्ध धर्म के उद्भव और प्रसार के बारे में भी विस्तार से चर्चा की है। राज्यों के बनने की प्रक्रिया और राज्यों के विस्तार को भी पुस्तक अपने भीतर समेटती है। पुस्तक में मगध और क्षेत्रीय शासकों के उदय से लेकर मौर्य साम्राज्य, सतवाहन, गुप्ता और हर्षवर्धन के शासन काल के विविध आयामों की चर्चा भी की गई है। यह मध्य-एशियाई क्षेत्रों में शासकों के विस्तार और बाहरी संपर्कों के प्रभाव को भी दर्शाती है। लेखक ने ऐतिहासिक स्थितियों में वर्ण-व्यवस्था, नगरीकरण, वाणिज्य और व्यापार के साथ विज्ञान, दर्शन और सांस्कृतिक स्थितियों जैसे महत्वपूर्ण आयामों की चर्चा इस पुस्तक में की है। यह पुस्तक प्राचीन भारत से मध्ययुगीन भारत तक की पूरी प्रक्रिया और कालक्रम को प्रस्तुत करती है।
इस लिहाज से यह प्राचीन भारत की एक समग्र रूपरेखा प्रस्तुत करती है। जिसके जरिए हम भारतीय समाज के निर्माण की प्रक्रिया को समझ सकते हैं। यह इतिहास में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण और एक अनिवार्य पुस्तक है।

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राम शरण शर्मा
एक ख्याति प्राप्त इतिहासकार रहे। वे पटना विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्रोफेसर थे। वे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे।

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